केदारनाथ में प्रशासन ने घोड़े-खच्चरों पर 24 घंटे के लिए रोक लगाई है. 14 जानवरों की हुई मौत

केदारनाथ में प्रशासन ने घोड़े-खच्चरों पर 24 घंटे के लिए रोक लगाई है. 14 जानवरों की हुई मौत।
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केदारनाथ में प्रशासन ने घोड़े-खच्चरों पर 24 घंटे के लिए रोक लगाई है। 

14 जानवरों की हुई मौत।


रुद्रप्रयाग. उत्तराखंड में चार धाम  के कपाट खुल से हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं.  यात्रा शुरू होते ही  केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चरों में संक्रमण से  पिछले दो दिनों में 14 जानवरों की मौत हुई जिससे  प्रशासन और श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ा गई है. विशेषज्ञों की मानें तो मौत का कारण एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस माना जा रहा है. जानवरों की मौत के बाद प्रशासन ने घोड़े-खच्चरों पर 24 घंटे के लिए रोक लगाई है. मौत के  कारणों का पता लगाने के लिए केंद्र से टीम रुद्रप्रयाग पहुंच रही है.

 रुद्रप्रयाग जिले में अप्रैल माह में घोड़े और खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की शिकायत मिलने के बाद  पशुपालन विभाग  फौरन हरकत में आया और  जानवरों की जांच और इलाज शुरू किया. विभाग द्वारा यात्रा  को देखते हुए 4 से 30 अप्रैल तक 16000 से ज्यादा घोड़े-खच्चरों की स्क्रीनिंग और सैंपल कलेक्ट किए गए. जिसमें सीरो सैंपलिंग में 152 जानवर पॉजिटिव और आरटी-पीसीआर टेस्ट में ये जानवर नेगेटिव मिले. जिसके बाद  पिछले दो दिनों में 14 जानवरों की मौत से शासन - प्रशासन  में हड़कंप मच गया. वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देकर कहा कि इस मामले में बेहद सावधानी बरत कर जाए  जल्दी स्थिति को काबू  किया जाए.

वहीं पशुपालन विभाग के सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने रुद्रप्रयाग पहुंच चुके हैं.  उन्होंने कहना  कि केंद्र से हरियाणा की एक स्पेशल टीम जांच के लिए रुद्रप्रयाग आ रही है. टीम की जांच के बाद ही 14 घोड़े-खच्चरों की मौत क्यों  हुई इस बारे में पता चलेगा।उन्होंने कहा कि फिलहाल केदारनाथ में घोड़े और खच्चरों के संचालन पर 24 घंटे के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं से पैदल, पालकी या फिर डंडी-कंडी से यात्रा करने की अपील की गई है.  प्रशासन ने कहा कि प्रतिबंध के दौरान अगर पशु संचालक जानवरों का इस्तेमाल करते हुए पाए गए, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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